राजस्थान के बीकानेर ज़िले के देशनोक निवासी मनीष कुमार उपाध्याय, पुत्र श्री रामरतन जी (सेवा-निवृत्त पटवारी), आज आधुनिक कृषि के क्षेत्र में एक उभरते हुए नाम हैं। 2014 में उन्होंने एम.कॉम (व्यवसाय प्रबंधन) प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया और पढ़ाई के तुरंत बाद “उन्नत किसान” बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने किसानों की उपज, आय और खेती की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अपने प्रयास शुरू किए।
मनीष खेतों में होने वाली समस्याओं की पहचान कर वैज्ञानिक समाधान, मिट्टी परीक्षण के आधार पर उर्वरक योजना, रोग-प्रतिरोधी बीजों का चयन, और आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करते हैं। उनकी मार्गदर्शन से कई किसानों की प्रति एकड़ आय बढ़ी, फसल क्षति कम हुई और खेती अधिक टिकाऊ व लाभदायक बनी। कीट और रोगों के एकीकृत प्रबंधन पर उनका विशेष जोर रहता है।
कृषि विकास में उनके योगदान को देखते हुए कई संस्थाओं और कंपनियों ने उन्हें सम्मानित भी किया है। कृषि क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए उन्हें भारत गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।
मनीष उपाध्याय का मुख्य उद्देश्य है—किसानों को सशक्त करना, खेती को उन्नत बनाना और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना।

किसानों के “फसल मित्र” बने मनीष कुमार उपाध्याय

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